सुख कमाकर दरवाज़े से घर में
लाने की कोशिश करते रहे ,
पता ही ना चला कि कब ….
खिड़कियों से उम्र निकल गई .
Tag: Pyari Shayari
लाजमी तो नही
लाजमी तो नही है…कि तुझे आँखों सेही देखूँ..
तेरी याद का आना भी तेरे
दीदार से कम नही…।”
लाजमी तो नही है…कि तुझे आँखों सेही देखूँ..
तेरी याद का आना भी तेरे
दीदार से कम नही…।”
मुद्दत हो गयी
मुद्दत हो गयी, कोइ शख्स तो अब ऐसा मिले,
बाहर से जो दिखता हो, अन्दर भी वैसा ही मिले…
याद का आना भी
लाजमी तो नही है…कि तुझे आँखों सेही देखूँ..
तेरी याद का आना भी तेरे
दीदार से कम नही…।”
मै तो बस
मै तो बस अपनी हकीकत लिखता हूँ….
और
लोग कहते है…
तुम शायरी अच्छी लिखते हो….
Ye Haqikat Hai
Tum na mano ye haqikat hai.
Dosti insan ki zarurat hai.
Kisi din aao hamari mehfil me,
Jan jaoge zindagi kitni khubsurat hai…
कोई शिकायत नहीं
हमें उनसे कोई शिकायत नहीं;
शायद हमारी किस्मत में चाहत नहीं!
मेरी तकदीर को लिखकर तो ऊपर वाला भी मुकर गया;
पूछा तो कहा, “ये मेरी लिखावट नहीं”!
इतना तो किसी
इतना तो किसी ने चाहा भी न होगा,
जितना मैने सिर्फ सोचा है……
ए ज़िन्दगी तेरे
ए ज़िन्दगी तेरे जज़्बे को सलाम,
पता है कि मंज़िल मौत है, फिर भी दौड़ रही है…!
जंजीर से डर लगता
उल्फत की जंजीर से डर लगता हैं,
कुछ अपनी ही तकदीर से डर लगता हैं,
जो जुदा करते हैं, किसी को किसी से,
हाथ की बस उसी लकीर से डर लगता हैं..