Saare Maikhane Ki

Hamari Kahani Sun Saki Ki Bhi Aankhon

Main Aansoo Aa Jate Hain, Saare Maikhane Ki

Sharab Peekar Bhi Hum Nashe Main Nahi Aate

Hain, Kya Karein Saki Ab To Itni Jyada Peene

Lage Hain, Kay Hum Maikhane Main Bhi

Darwaje Se Lauta Diye Jate Hain…

परवाह मत कीजिये

रास्ता ‘खूबसूरत’ है
तो

पता कीजिये..

किस ‘मंज़िल’ की तरफ जाता

है!

लेकिन,

अगर ‘मंज़िल’ खूबसूरत हो तो

कभी रास्ते की ‘परवाह’

मत कीजिये |

मेरे जख्मों को

आतिश ए राख हूँ बेशक बुझा बुझा सा
लगता हूँ मैं….
मेरे जख्मों को हवा मत देना जमाना फूंक
सकता हूँ मैं…

झूठ बोलते हो

जाने कितने झूले थे फाँसी पर, कितनो ने गोली खायी

थी
क्यों झूठ बोलते हो साहब , की चरखे से आजादी आई थी

कुछ सालों बाद

कुछ सालों बाद ना जाने क्या होगा,
ना जाने कौन दोस्त कहाँ होगा…
फिर मिलना हुआ तो मिलेगे यादों में,
जैसे सूखे हुए गुलाब मिले किताबों में.