सुनो इक बात कहूँ तुमसे
रोज़े की तरह फ़र्ज़ हो जाओ मुझ पे
Tag: Pyari Shayari
लहजा-ए-यार
लहजा-ए-यार में जहर है बिच्छू की तरह, वो मुझे आप तो कहता है, मगर ‘तू’ की तरह…
કોઈ અસર નથી
છે આ શરીરની હાજરી ત્યાં સુધી લાગણી વરસાવી દે . . .
પછી તસ્વીરને લાગણી ની કોઈ અસર નથી હોતી..
इश्क़ तो बस
इश्क़ तो बस नाम दिया है दुनिया ने,
एहसास बयां कोई कर पाये तो बात हो
उस खुशी का
उस खुशी का हिसाब कैसे हो… तुम जो पूछ लो “जनाब कैसे हो””
छोड़ा भी हमें ।
क्या खूब
मोहब्बत
की तुमने
तोड़ा भी हमें
छोड़ा भी हमें ।।।
बारिश की तरह
तुम बरस के देखो बारिश की तरह,
हम भी महकते रहेंगे मिटटी की तरह !!
जिंदगी उलझी पड़ी है
मैं भूला नहीं हूँ किसी को…
मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में ………
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है …..
2 वक़्त की रोटी ढूंढने में। ….
कभी तबियत पूछना
कभी तबियत पूछना हमसे भी गुजरने वाले..
हाल-ऐ-दिल बयां करने का शौक हम भी रखते हैं ….!
कोई तो लिखता होगा
कोई तो लिखता होगा इन कागज़ के ज़र्रों और इन पत्थरों का नसीब,
वरना यह मुमकिन नहीं कि कोई पत्थर ठोकर खाए,आैर कोई भगवान हो जाए….
कोई कागज़ रद्दी बन जाए तो कोई कागज़ गीता या कुरान हो जाए…!