पलकों की हद को तोड़कर दामन पे आ गिरा,
एक अश्क मेरे सब्र की तौहीन कर गया !!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
पलकों की हद को तोड़कर दामन पे आ गिरा,
एक अश्क मेरे सब्र की तौहीन कर गया !!!!
आज पास हूँ तो क़दर नहीं है तुमको,
यक़ीन करो टूट जाओगे तुम मेरे चले जाने से !!
यादों की किम्मत वो क्या जाने, जो ख़ुद यादों के मिटा दिए करते हैं, यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो, यादों के सहारे जिया करते हैं.
बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को क्यूकि इश्क़ हार नही मानता और दिल बात नही मानता..!!
इतने चेहरे थे उसके चेहरे पर,
आईना तंग आ के टूट गया…..
मैं शिकायत क्यों करूँ, ये तो क़िस्मत की बात है..!!
तेरी सोच में भी मैं नहीं, मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद हैं.
कागज पे तो अदालत चलती है,
हमें तो तेरी आँखो के फैसले मंजूर है..!!
वो लम्हा ज़िन्दगी का बड़ा
अनमोल होता है
जब तेरी यादें, तेरी बातें , तेरा माहौल होता है
बहुत दिन हुए तुमने, बदली नहीं तस्वीर अपनी!
मैंने तो सुना था, चाँद रोज़ बदलता हैं चेहरा अपना!!
कभी यूँ भी हुआ है हंसते-हंसते तोड़ दी हमने…
हमें मालूम नहीं था जुड़ती नहीं टूटी हुई चीज़ें..!!