वो फूल हूँ जो अपने चमन में न रहा, वो लफ्ज़ हूँ जो शेरों सुख़न में न रहा, कल पलकों पे बिठाया, नज़र से गिराया आज, जैसे वो नोट हूँ जो चलन में न रहा।
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छलका तो था
छलका तो था कुछ इन आँखों से उस रोज़..!! कुछ प्यार के कतऱे थे..कुछ दर्द़ के लम्हें थे….!!!!
मेरी मासूम मोहब्बत
मेरी मासूम मोहब्बत , की गवाही न मांग मेरी पलकों पे सितारों ने इबादत की है…
किसी को चाहना
किसी को चाहना ऐसा की वो रज़ा हो जाए… जीना जीना ना रहे एक सज़ा हो जाए… ख़ुद को क़त्ल करना भी एक शौक़ लगे… हो ज़ख़्मों में दर्द इतना की दर्द मज़ा हो जाए…
हर एक शख़्स
हर एक शख़्स की अपनी ही एक मंज़िल है, कोई किसी का यहाँ हम-सफ़र नहीं होता…
जो गुज़ारी न जा सकी
जो गुज़ारी न जा सकी हम से, हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है…
दुआ करो कि
दुआ करो कि ये पौदा सदा हरा ही लगे, उदासियों में भी चेहरा खिला खिला ही लगे…
इतिहास गवाह है
इतिहास गवाह है, कि जब भी कोई नया साल आया है,, साल भर से ज्यादा नहीं टिक पाया है……..!
सितम की रस्में
सितम की रस्में बहुत थीं लेकिन, न थी तेरी अंजुमन से पहले; सज़ा खता-ए-नज़र से पहले, इताब ज़ुर्मे-सुखन से पहले; जो चल सको तो चलो के राहे-वफा बहुत मुख्तसर हुई है; मुक़ाम है अब कोई न मंजिल, फराज़े-दारो-रसन से पहले।
आदत सी है
आदत सी है पड़ गई , किया गया स्वीकार ! महँगाई मुद्दा नहीं , ना ही भ्रष्टाचार !!