मैं बहुत सीमित हूँ,अपने शब्दों में,
लेकिन बहुत विस्तृत हू अपने अर्थों में….!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मैं बहुत सीमित हूँ,अपने शब्दों में,
लेकिन बहुत विस्तृत हू अपने अर्थों में….!!
वक़्त सबको मिलता है जिंदगी बदलने के लिये पर जिंदगी दोबारा नहीं मिलती वक़्त बदलने के लिये।
दर्द का क्या है, जरूरी नहीं चोट लगने पर होता है।
दर्द वहाँ अक्सर दिखता है, जहाँ दिल में अपनापन होता है।।
बड़ा आदमी वो कहलाता है,
जिससे मिलने के बाद कोई ख़ुद को छोटा न महसूस करे..!!
किसी का बांह में होना भी कोई सुख नहीं देता..,
किसी को याद करके ही खुशी महसूस होती है.!
कुछ तुम कोरे कोरे से,कुछ हम सादे सादे से, एक आसमां पर जैसे,
दो चाँद आधे आधे से.
पुरानी होकर भी खाश होती जा रही है,
मोहब्बत बेशरम है, बेहिसाब होती जा रही है..
कुछ इस क़दर दिलशिकन थे मुहब्बत के हादसे।
हम ज़िन्दगी से फिर कोई शिकवा न कर सके।।
वो दुआएं काश मैने दीवारों से मांगी होती,
ऐ खुदा..
सुना है कि उनके तो कान होते है!!
एक मुनासिब सा नाम रख दो तुम …..
रोज जिदंगी पूछती हैं रिश्ता तेरा मेरा ….