छोड़ ये बात

छोड़ ये बात,… मिले जख्म,….. मुझे कहां से,
ऐ ज़िन्दगी इतना बता, कितना सफर बाकी है…

कागज़ कलम मैं

कागज़ कलम मैं तकिये के पास रखता हूँ,
दिन में वक्त नहीं मिलता,मैं तुम्हें नींद में लिखता हूँ..