उसने एक बार….

उसने एक बार….
अपनी बाहो में भर कर अपना कहा था मुझको
उस दिन से आज तक मैं अपने आप का भी ना हो सका|

एक उम्र है

एक उम्र है जो तेरे बगैर
गुजारनी है.,

और एक लम्हा है जो तेरे बगैर
गुजरता नहीं……….