पसंद करने लगे हैं अब शायरी मेरी मतलब मुहब्बत सिर्फ मैंने ही नहीं की।
Tag: Pyar Shayari
खुदा की बंदगी
खुदा की बंदगी शायद अधूरी रह गयी,तभी तेरे मेरे दरमियाँ ये दूरियाँ रह गयी|
यकीन नहीं होता
तुम्हारे लिये मिट जाने का इरादा था ..
तुम ही मिटा दोगे….. यकीन नहीं होता
कुछ मीठा सा
कुछ मीठा सा नशा था उसकी झुठी बातों में;
वक्त गुज़रता गया और हम आदी हो गये!
ज़िन्दगी ये चाहती है
ज़िन्दगी ये चाहती है कि ख़ुदकुशी कर लूँ,
मैं इस इन्तज़ार में हूँ कि कोई हादसा हो जाए।
नाराज क्यों होते हो
नाराज क्यों होते हो चले जायेंगे तुम्हारी जिन्दगी से बहुत दूर……
जरा टूटे हुए दिल के टुकङे तो उठा लेने दो….!!
उसकी आँखों में
उसकी आँखों में नज़र आता है सारा जहां मुझ को…..
अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा..
सुकून की कमी
जब तुम्हे सुकून की कमी महसूस हो तो अपने रब से तौबा किया करो…….. क्योकि इंसान के गुनाह ही है जो उसे बैचैन रखते है
ग़ुलाम हूँ अपने घर की
ग़ुलाम हूँ अपने घर की तहज़ीब का
वरना लोगों को औकात दिखाने का हूनर भी रखता हूँ|
माना कि औरों के
माना कि औरों के जितना
पाया नहीं…
पर..
खुश हूँ कि कभी स्वयं को गिरा कर कुछ उठाया नहीं..