बरसात के मकोड़े हमें यही सिखाते है…
की…….जिनके पंख लग जाते है वो कुछ ही दिनों के मेहमान होते है ।!
Tag: Pyar Shayari
ख़ामोशी की वजह
ख़ामोशी की वजह इश्क़ है, वरना तुझे तमाशा हम भी बना देते ..!!
मैं मुसाफिर हूँ
मैं मुसाफिर हूँ ख़ताऐं भी हुई हैं मुझसे ……!!!
तुम तराज़ू में मेरे पाँव के छाले रखना ……!!!
चखे हैं जाने कितने
चखे हैं जाने कितने जायके महंगे मगर ऐ माँ,
तेरी चुल्हे की रोटी सारे पकवानो पे भारी है…
हवा चुरा ले
हवा चुरा ले गयी थी मेरी ग़ज़लों की
किताब..
देखो,
आसमां पढ़ के रो रहा है.
और
नासमझ ज़माना खुश है कि बारिश हो
रही है..!
गाँव की गलियाँ
गाँव की गलियाँ भी अब सहमी-सहमी रहती होंगी ,
की जिन्हें भी पक्की सड़कों तक पहुँचाया वो मुड़के नहीं आये..!!
खुल जाती हैं
खुल जाती हैं गाँठें बस जरा से जतन से,
मगर लोग कैंचियां चलाकर सारा फ़साना बदल देते हैं…!!!!
आज बता रहा हूँ
आज बता रहा हूँ
नुस्खा -ए-मौहब्बत ज़रा गौर से सुनो…
न चाहत को हद से बढ़ाओ न इश्क़ को सर पे चढ़ाओ!
बाज़ी जितने से है
मतलब बाज़ी जितने से है….
फिर चाहे प्यादा कुर्बान हो या रानी …!!
कभी टूटा नही
कभी टूटा नही मेरे दिल से तेरी याद का रिश्ता…
गुफ़्तुगू जिस से भी हो ख़याल तेरा ही रहता है..