यादों के फूल

यादों के फूल खिलते रहते हैं वक्त की शाखों पर कुछ खालीपन रहता है…इन भरी भरी आंखो में…

जिसको तलब हो हमारी

जिसको तलब हो हमारी , वो लगाये बोली , सौदा बुरा नहीं … बस “ हालात ” बुरे है ..!!

रिश्ते गिर पडे..

जरा सी जेब क्या फटी… सिक्कोंसे ज्यादा रिश्ते गिर पडे..

थक कर सोये हैं

थक कर सोये हैं जब जब , नींदो की हदबन्दी मे ।हर बार छलक जाता है, आखो से ख्बाब तुम्हारा ।।

यादों में खोया रहता हूँ

तेरी यादों में खोया रहता हूँ.., लोग कहते हैं, मैं निकम्मा हूँ.., पर इसके सिवा, कर भी क्या सकता हूँ.., हर आती जाती सांसें, तेरा ही नाम लेती है|

माना कि औरों के

माना कि औरों के जितना मैंने पाया नहीं.. मगर खुश हूँ.. कि खुद को गिरा कर, कुछ उठाया नहीं..!!!

बेताब किया है ।

जज्बो को मेरे और भी बेताब किया है । मेहँदी लगाके तुमने जो आदाब किया है |

लफ्ज ही ऐसी चीज़ है

लफ्ज ही ऐसी चीज़ है जिसकी वजह सेइंसान या तो दिल में उतर जाता है या दिल से उतर जाता है ज़िन्दगी के इस कश्मकश मे वैसे तो मैं भी काफ़ी बिजी हुँ लेकिन वक़्त का बहाना बना कर अपनों को भूल जाना मुझे आज भी नहीं आता ! जहाँ दोस्त याद न आए वो… Continue reading लफ्ज ही ऐसी चीज़ है

रोज़ आ जाता है…

रोज़ आ जाता है…मेरे दिल को तसल्ली देने, ख्याल ए यार को…मेरा ख्याल कितना है|

इतनी भी संजीदगी

इतनी भी संजीदगी अच्छी नहीं बात वो दिल में दबा कर रह गए मैंने उनके तिल की जब तारीफ़ की बस उसी पे तिलमिला कर रह गए|

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