यादों में खोया रहता हूँ

तेरी यादों में खोया रहता हूँ..,
लोग कहते हैं, मैं निकम्मा हूँ..,
पर इसके सिवा, कर भी क्या सकता हूँ..,
हर आती जाती सांसें, तेरा ही नाम लेती है|

लफ्ज ही ऐसी चीज़ है

लफ्ज ही ऐसी चीज़ है
जिसकी वजह सेइंसान
या तो दिल में उतर जाता
है या दिल से उतर जाता है

ज़िन्दगी के इस कश्मकश
मे वैसे तो मैं भी काफ़ी बिजी हुँ
लेकिन वक़्त का बहाना बना
कर अपनों को भूल जाना मुझे
आज भी नहीं आता !

जहाँ दोस्त याद न आए वो
तन्हाई किस काम की
बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई
किस काम की बेशक अपनी
मंज़िल तक जाना है

पर जहाँ से अपना दोस्त ना
दिखे वो ऊंचाई किस काम की …….

इतनी भी संजीदगी

इतनी भी संजीदगी अच्छी नहीं
बात वो दिल में दबा कर रह गए

मैंने उनके तिल की जब तारीफ़ की
बस उसी पे तिलमिला कर रह गए|