न रूठना हमसे

न रूठना हमसे हम मर जायेंगे! दिल की दुनिया तबाह कर जायेंगे! प्यार किया है हमने कोई मजाक नहीं! दिल की धड़कन तेरे नाम कर जायेंगे!

दिलों में रहता हूँ

दिलों में रहता हूँ धड़कने थमा देता हूँ मैं इश्क़ हूँ वजूद की धज्जियां उड़ा देता हूँ|

मतलब निकल जाने पर

मतलब निकल जाने पर पलट के देखा भी नहीं, रिश्ता उनकी नज़र में कल का अखबार हो गया !!

पूछ रही है

पूछ रही है आज मेरी शायरियाँ मुझसे कि, कहा उड़ गये वो परिंदे जो वाह वाह किया करते थे ?

तेरा हुस्न बयां करना

तेरा हुस्न बयां करना मकसद नहीँ था मेरा, ज़िद कागजों ने की थी और कलम चल पड़ी.

आपके कदमों से

आपके कदमों से एक ठोकर क्या लगी, ‘ख़ाक’ भी उड़ के आसमां पे गयी…

रूप देकर मुझे

रूप देकर मुझे उसमें किसी शहज़ादे का अपने बच्चों को कहानी वो सुनाती होगी |

फ़लक़ पर जिस दिन

फ़लक़ पर जिस दिन चाँद न हो, आसमाँ पराया लगता है एक दिन जो घर में ‘माँ’ न हो, तो घर पराया लगता है।

तरीका न आये

तरीका न आये पसंद हो जाए न खता हमसे अब तुम ही बता दो वैसे ही करूँगा इश्क तुमसे अब|

मसर्रतों के खजाने

मसर्रतों के खजाने तो कम निकलते है… किसी भी सीने को खोलो तो ग़म निकलते है…

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