मत कर हिसाब

मत कर हिसाब तूं मेरी मोहब्बत का, नहीं तो ब्याज में ही तेरी जिन्दगी गुजर जायेगी

ग़मज़दा साँसों की

ग़मज़दा साँसों की ख़ुदख़ुशी देखो…!!!इन्हें तू चाहिए ज़िंदा रहने के लिए…!!!

हर वक्त तेरे

हर वक्त तेरे ख्याल रहते हैं मुझे घेरे, जैसे मेरे हर एहसास भी हो गये तेरे..!!

धड़कने मेरी बेचैन रहती है

धड़कने मेरी बेचैन रहती है आजकल, क्यूंकि तेरे बगैर ये धड़कती कम और तड़पती ज्यादा है !!❗❗❗

हर वक्त तेरे

हर वक्त तेरे ख्याल रहते हैं मुझे घेरे,जैसे मेरे हर एहसास भी हो गये तेरे..!!

मेरे लफ्जो की पहचान

मेरे लफ्जो की पहचान अगर कर लेती वो तो… उसे मुझसे नहीं खुदसे मोहब्बत हो जाती…!!

अब इंतज़ार की आदत

अब इंतज़ार की आदत भी छोड़नी होगी.. उसने साफ साफ कह दिया भूल जाओ मुझे

गये दिनो का सुराग

गये दिनो का सुराग लेकर,किधर से आया किधर गया वो… अजीब मानुस गज़लसरा था,मुझे तो हैरान कर गया वो…

न जाने उँगली छुड़ाकर

न जाने उँगली छुड़ाकर निकल गया है किधर, बहुत कहा था ज़माने से साथ साथ चले ।

कभी फुर्सत मिले तो

कभी फुर्सत मिले तो, अपनी वो कलम भेजवा देना… जिससे आग,और पानी दोनों निकलते हैं… कुछ आँख के आंसू,कुछ लहू के रंग टपकते हैं… देखना था आखिर पन्ने जलते और भिग़ते क्यों नही…”

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