न कोई है

न कोई है छोटा न कोई बड़ा है !
अहंकार चट्टान बन कर खड़ा है !!
पहाड़ा पढ़ाता है सबको ये ज़ालिम !
समय हांथ धो करके पीछे पड़ा है !!