ऊपर वाले मेरी तक़दीर सम्भाले रखना..!
जमींन के सारे खुदाओं से उलझ बैठा हूँ मैं..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ऊपर वाले मेरी तक़दीर सम्भाले रखना..!
जमींन के सारे खुदाओं से उलझ बैठा हूँ मैं..!!
लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मिलता,
शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता……!!
अजीब सी बेताबी है…
तेरे बिना,
रह भी लेते है और
रहा भी नही जाता..
चलती नहीं दुनिया किसी के आने से,
रूकती नहीं दुनिया किसी के जाने से.
प्यार तो सबको मिल जाता है,
कमी का पता तो चलता है किसी के दूर जाने से.
उम्र कम थी इश्क़ बेहिसाब हो गया…….!!
एक वक्त के बाद ये रोग लाइलाज हो गया….!!
किसी रिश्ते में निखार, सिर्फ अच्छे समय में हाथ मिलाने से नहीं आता………..
बल्कि ……
नाज़ुक समय में हाथ थामने से आता है…
काश यह जालिम जुदाई न होती!
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती!
न हम उनसे मिलते न प्यार होता!
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!
वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए!
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए!
कभी तो समझो मेरी खामोशी को!
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें!
अँधेरे ही थे मेरे अपने भी अब रौशनी पाने को जी चाहता है
रहो में भटक रहा था में अब तक अब अपनी मंजिल पाने को जी चाहता है।
तुम्हें ख़बर नहीं है तुम्हें सोचने की ख़ातिर
बहुत से काम हम कल पर छोड़ देते है|