चाँद ने चाँदनी को

चाँद ने चाँदनी को याद किया;
प्यार ने अपने प्यार को याद किया;
हमारे पास न चाँद है न चाँदनी;
इसलिए हमने अपने प्यारे दोस्त को याद किया।

ज़मीर ज़िंदा रख

ज़मीर ज़िंदा रख, कबीर ज़िंदा रख..
सुल्तान भी बन जाए तो, दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख..!
हौसले के तरकश में,
कोशिश का वो तीर ज़िंदा रख..
हार जा चाहे जिन्दगी मे सब कुछ,
मगर फिर से जीतने की उम्मीद जिन्दा रख..!

भूलना चाहो तो

भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी,
दिल की गहराई मे हमारी तस्वीर बस जाएगी.
ढूढ़ने चले हो हमसे बेहतर दोस्त,
तलाश हमसे शुरू होकर हम पे ही ख़त्म हो जाएगी|

हर इक ग़म को

हर इक ग़म को दिया करती हैं अब गिन-गिन के मोती
ये आँखें दिन-ब-दिन कंजूस होती जा रही हैं।।।।

अनजाने में यूँ ही

अनजाने में यूँ ही हम दिल गँवा बैठे,
इस प्यार में कैसे धोखा खा बैठे,
उनसे क्या गिला करें.. भूल तो हमारी थी
जो बिना दिलवालों से ही दिल लगा बैठे।