तस्वीर बना कर उसकी आस्मां पे टांग आया हूँ…
और लोग पूछते हैं आज चाँद इतना बेदाग़ कैसे है ।
Tag: Pyar Shayari
लहराती जुल्फें
लहराती जुल्फें,कजरारे नयन,और ये रसीले होंठ…
बस कत्ल बाकी है,औज़ार तो सब पूरे हैं…
बदनाम ना कर
शायर कहकर बदनाम ना कर,
मैं तो, रोज़ शाम को
दिन भर का ‘हिसाब’ लिखता हूँ !
इतनी वफ़ादारी न कर
इतनी वफ़ादारी न कर किसी से यूँ मदहोश होकर…..
ये दुनियाँ वाले….. एक ख़ता के बदले ….सारी वफाएँ भुला देते है…..
हुये है सजदे
हुये है सजदे मुकम्मल सब मेरे आकर तेरी पनाहों में…
तेरी मर्जी तू कर शामिल मुझको , दुआओ में या गुनाहो में….
तुम आते हो…
तुम आते हो… चले जाते हो,
मैं जुड़ता हूँ… टूट जाता हूँ…
थोड़ा और तल्ख़
थोड़ा और तल्ख़ इश्क़ ही जाये
मौत आये आपकी हमे कही और इश्क़ हो जाये |
खुद बैठा बैठा
खुद बैठा बैठा मैं यूँ ही गुम हो जाता हूँ!
मैं अक्सर मैं नही रहता तुम हो जाता हूँ!!
सूरज ढलते ही
सूरज ढलते ही रख दिये उस ने मेरे
होठो पर होठ … ।। दोस्तों इश्क
का रोजा था और गजब की इफ्तारी थी … !!
अपने हर लफ्ज में
अपने हर लफ्ज में कहर रखते है हम रहे खामोश फिर भी असर
रखते है हम ।