सुख कमाकर दरवाज़े से घर में
लाने की कोशिश करते रहे ,
पता ही ना चला कि कब ….
खिड़कियों से उम्र निकल गई .
Tag: Pyar Shayari
लाजमी तो नही
लाजमी तो नही है…कि तुझे आँखों सेही देखूँ..
तेरी याद का आना भी तेरे
दीदार से कम नही…।”
लाजमी तो नही है…कि तुझे आँखों सेही देखूँ..
तेरी याद का आना भी तेरे
दीदार से कम नही…।”
मुद्दत हो गयी
मुद्दत हो गयी, कोइ शख्स तो अब ऐसा मिले,
बाहर से जो दिखता हो, अन्दर भी वैसा ही मिले…
याद का आना भी
लाजमी तो नही है…कि तुझे आँखों सेही देखूँ..
तेरी याद का आना भी तेरे
दीदार से कम नही…।”
मै तो बस
मै तो बस अपनी हकीकत लिखता हूँ….
और
लोग कहते है…
तुम शायरी अच्छी लिखते हो….
तुम शराफत को
तुम शराफत को बाजार मे न लाया करो ,
ये वो सिक्का है जो कभी बाजार मे चला ही नही ।
अक्सर दिमाग वालों ने दिलवालो का इस्तेमाल ही किया है ।
अजीब सा दर्द
अजीब सा दर्द है इन दिनों यारों,
न बताऊं तो ‘कायर’,
बताऊँ तो ‘शायर’।।
शुक्र करो कि
शुक्र करो कि दर्द सहते हैं, लिखते नहीं….!!
वर्ना कागजों पे लफ्जों के जनाजे उठते…
हर रात एक
हर रात एक नाम याद आता है,
कभी कभी सुबह शाम याद आता है,
सोच रहा हू कर लूँ दूसरी मोहब्बत,
पर फिर पहली मोहब्बत का अंजाम याद आता है..!!
चेहरे गुलाब नहीं होते
जाने क्यूँ अब शर्म, से चेहरे गुलाब नहीं होते।
जाने क्यूँ अब, मस्त मौला मिजाज नहीं होते।
पहले बता दिया करते थे, दिल की बातें।
जाने क्यूँ अब चेहरे, खुली किताब नहीं होते।