Tum the to waqt kahin thaherta nhi tha…
Ab waqt guzarne main bhi waqt lagata hain…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
Tum the to waqt kahin thaherta nhi tha…
Ab waqt guzarne main bhi waqt lagata hain…
मोहब्बत से भरी कोई ग़ज़ल उसे पसंद
नहीं ,
बेवफाई के हर शेर पे वो दाद दिया करते है…
किसी ने
ज़हर कहा है किसी ने शहद कहा
कोई समझ नहीं पाता है ज़ायका
मोहब्बत का
Khoye Huwe Ansuo Se Mohbat Mujhe bhi Hai,
Teri Tarah Zindgi Se Sikayat Mujhe bhi Hai,
Tu Agr Nazuk Hai to Pathar Main Bhi Nahi,
Tanhai Me Rone Ki Aadat Mujhe bhi Hai.
खुदा का शुक्र है कि ख्वाब बना दिये,
वरना तुम्हें देखने की तो बस हसरत ही रह जाती।
: मेरी वाली तो इतनी भुल्लकड़ है….
पगली
पैदा होना ही भूल गयी.
आ जाते हैं वो भी रोज ख्बाबो मे,
जो कहते हैं हम तो कही जाते ही नही
कितने सालों के इंतज़ार का सफर_खाक हुआ ।
उसने जब पूछा “कहो कैसे आना हुआ”।!!
एक ताबीर की सूरत नज़र आई है इधर
सो उठा लाया हूँ सब ख़्वाब पुराने वाले
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है,
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू !