सबक सीख लिए

सिखा न सकी ,…
जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे ,…
फिर करीब से कुछ चेहरे पढ़े ,…
और न जाने कितने सबक सीख लिए ,…

काश तुम भी

काश तुम भी हो जाओ

तुम्हारी यादों की तरह..

ना वक़्त देखो, ना बहाना, बस चले आओ…!!

हर बार इश्क

हर बार इश्क में हार ही जाता हूँ,….
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समझ नहीं आता….

मैं इंसान हूँ या पाकिस्तान
क्रिकेट टीम….. !!

घर जलाया मेरा

इससे बढ़कर और क्या दूं अपनी मुहब्बत का सबूत,
जिसने घर जलाया मेरा, उसके खत तक न जला सका ।