ए मौसम तू चाहे कितना भी बदल जा
पर,
इंसान के जैसे बदलने का हुनर तुझे कभी नही आएगा…॥
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ए मौसम तू चाहे कितना भी बदल जा
पर,
इंसान के जैसे बदलने का हुनर तुझे कभी नही आएगा…॥
जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो
मज़े से भीगते रहे बारिश में ….
जिनके जेब में नोट थे वो छत
तलाशते रह गए…
मंदिर में वो भगवान है जिसे
हमनें बनाया,
और घर में माँ बाप है जिन्होनें हमें बनाया…
उलझनों और कश्मकश में..
उम्मीद की ढाल लिए बैठा
हूँ..
ए जिंदगी! तेरी हर चाल के लिए..
मैं दो चाल लिए बैठा हूँ |
लुत्फ़
उठा रहा हूँ मैं भी आँख – मिचोली का …
मिलेगी कामयाबी, हौसला
कमाल का लिए बैठा
हूँ l
चल मान लिया.. दो-चार दिन नहीं मेरे
मुताबिक..
ये गहराइयां, ये लहरें, ये तूफां, तुम्हे मुबारक …
मुझे क्या
फ़िक्र.., मैं कश्तीया और दोस्त…
बेमिसाल लिए बैठा हूँ…
कुछ शब्द हि तो थी ये जिन्दगी मेरी ..तूने साथ
मिलकर कहानी बना दी …!!
Wo Kitna Meharban Tha,
Ke Hazaron Ghum De Gaya,
Hum Kitne Khud Gharz Nikle,
Kuch Na De Sakay Pyar Ke Siwa…
Jaha Diwaro me Darar Par Jaati Waha Diwar Gir Jati Hai.
Aur Jaha Rishto Me Darar Par Jaati He
Waha Diwar Khari Ho Jati Hai.
ये मुझे चैन क्यो नहीं पड़ता
एक ही शख्स था जहान में क्या?
दुश्मन के सितम का खौफ नहीं हमको,…..
…,हम तो आपं के रूठ जाने से डरते हैं…
काश तुम भी हो जाओ तुम्हारी यादों की तरह,न वख्त देखो,ना बहाना देखो,बस चले आओ !!