इतना आसां नहीं है
मुझे आसां कर पाना
बङी मुश्किल से
मुश्किल हुआ हुँ.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
इतना आसां नहीं है
मुझे आसां कर पाना
बङी मुश्किल से
मुश्किल हुआ हुँ.
“इश्क के रिश्ते भी बड़े नाजुक होते है साहब,
रात को नम्बर बिजी आने पर भी टूट जातेहै.!!”
हाथों से मुकद्दर तो संवर सकती है,
लेकिन हाथों की लकीर में मुकद्दर नहीं होता है।
मै भी मै भी इंसान हूँ तम भी मै भी इंसान हूँ,
तु पढ़ता है “वेद” हम पढ़ते “क़ुरान” है।
कमबख्त इस दिल को हारने की आदत हो गयी है!
वरना हमने जहाँ भी दिमाग लगाया फ़तेह ही पाई है!!
उसके मिरे ख़याल जुदा थे हरेक तौर
हमराह था वो मेरा, मिरा हमसफ़र न था
हैरत की बात है कि दुआ भी न आयी काम
माना किसी मतलब से दवा में असर न था
मशवरा तो देते रहते हो..
“खुश रहा करो”..
कभी कभी वजह भी दे दिया करो
बेवक्त
बेवजह
बेसबब सी
बेरुखी तेरी.
और फिर भी तुझे बेइन्तहाँ
चाहने की बेबसी मेरी…
किसी को खुश करने का
मौका मिले तो खुदगर्ज ना बन जाना…
बड़े नसीब वाले होते है वो,
जो दे पाते है मुस्कान किसी चेहरे पर…!
दूध का सार है मलाई मे……!
और
जिंदगी का सार है भलाई में…….!!