मैं चलता रहा

मुझे मालूम था कि वो रास्ते कभी मेरी मंजिल तक नहीं जाते थे,
फिर भी मैं चलता रहा, क्यूँ कि उस राह में कुछ अपनों के घर भी आते थे…

तेरी याद से

तेरी याद से होती है मेरे दिन की शुरूआत …
फिर कैसे मैं कह दूँ कि मेरा दिन खराब है…॥

जो निभाते हैं

मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है,
और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको, हुमारा
ये पेघाम हैं,
“वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो,
वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह
करो