नमक की तरह हो गयी है जिंदगी,
अपने ही लोग स्वादानुसार इस्तेमाल
करने लगे हैं.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
नमक की तरह हो गयी है जिंदगी,
अपने ही लोग स्वादानुसार इस्तेमाल
करने लगे हैं.
ढूंढने चले हो हमसे बेहतर तो जाओ पर याद रखना!!!
तलाश हमीं पर आकर ख़त्म होगी तुम्हारी!!!
इक तु ही सब से ज्यादा याद आती है,
इक तेरी दोस्ती ही मेरे दिल को भाती है,
किसी रात सो जाऊँ जो तुझे याद किये बिना,
कसम से तु ख्वाबों में आ के अपनी याद दिलाती हैं..
आप किसी इंसान का दिल बस तब तक दुखा सकते हो,
जब तक वो इंसान आपको प्रेम करता है ।
उदास रहता है मोहल्ले की बारिशों का पानी
आजकल—-
—सुना है कागज की नाव बनाने वाले बच्चे अब बड़े हो गये
है —!
दिल के टूट जाने पर भी हँसना,
शायद “जिन्दादिली” इसी को कहते हैं।
ठोकर लगने पर भी मंजिल के लिए भटकना,
शायद “तलाश” इसी को कहते हैं।
सूने खंडहर में भी बिना तेल के दिये जलाना,
शायद “उम्मीद” इसी को कहते हैं।
टूट कर चाहने पर भी उसे न पा सकना,
शायद “चाहत” इसी को कहते हैं।
गिरकर भी फिर से खडे हो जाना,
शायद “हिम्मत” इसी को कहते हैं।
उम्मीद, तलाश, चाहत और हिम्मत,
शायद “जिन्दगी” इसी को कहते हैं..
मीठे बोल बोलिये क्यों की
अल्फाजो में जान होती है
इन्ही से आरती अरदास और
अजान होती है
दिल के समंदर के वो मोती है
जिनसे इंसान की पहचान होती है
मेरी झोली में कुछ अल्फाज अपनी
दुआओ के ड़ाल दे ऐ दोस्त
क्या पता तेरे लब हिले और
मेरी तकदीर संवर जाय
मेरी प्रार्थना को ऎसे स्वीकार
करो मेरे ईश्वर की जब जब
सर झुके मुझसे जुड़े हर रिश्ते
की ज़िन्दगी संवर जाय
जो बोलते हैं उसके बारे में सोचिऐ,
ना की…
जो सोचते है उसे बोले…
ज़िंदगी हम कैसे जिए हैं ये जरूरी है ना की ये,
कि ज़िंदगी हम कितनी जिए|
मैनें खुदा से कहा की मुझे सब कुछ दो जिंदगी के मज़़े लेने के लिए,
खुदा ने हँस कर कहा मैनें तुम्हें जिंदगी दी है मज़े लेने के लिए|