शीशे में डूब कर पीते रहे उस जाम को….
कोशिशें की बहुत मगर भुला न पाए एक नाम को……!!
Tag: Nice Shayari
रफ्ता रफ्ता उन्हें
रफ्ता रफ्ता उन्हें भूले हैं मुद्दतों में हम..
किश्तों में खुदकुशी का मज़ा हमसे पूछिये..
ये चांद की
ये चांद की आवारगी भी यूंही नहीं है,
कोई है जो इसे दिनभर जला कर गया है..
मेरी उम्र तेरे ख्याल में
मेरी उम्र तेरे ख्याल में गुज़र जाए.. चाहे मेरा ख्याल तुझे उम्रभर ना आए|
बड़ी अजीब सी
बड़ी अजीब सी है शहरों की रौशनी,
उजालों के बावजूद चेहरे पहचानना मुश्किल है।
हम ने तो वफ़ा के
हम ने तो वफ़ा के लफ़्ज़ को
भी वजू के साथ छूआ
जाते वक़्त उस ज़ालिम को
इतना भी ख़याल न हुआ|
मुल्क़ ने माँगी थी
मुल्क़ ने माँगी थी
उजाले की एक किरन..
निज़ाम ने हुक़्म दिया
चलो आग लगा दी जाय..!!
कहाँ मिलता है
कहाँ मिलता है कोई समझने वाला
जो भी मिलता है, समझाकर चला जाता है…
इश्क़ के क़ाबिल
हम ही उस के इश्क़ के क़ाबिल न थे
क्यूँ किसी ज़ालिम का शिकवा कीजिए |
लोग कहते हैं
लोग कहते हैं कि समझो तो खामोशियां भी बोलती हैं,
मैं अरसे से खामोश हूं और वो बरसों से बेखबर….