हंसने पे भी आ जाते हैं आँखों में आंसु
कुछ लोग मुझे ऐसी दुआ दे कर गये हैं |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हंसने पे भी आ जाते हैं आँखों में आंसु
कुछ लोग मुझे ऐसी दुआ दे कर गये हैं |
हमारी मोहब्बत करने की अदा कुछ और ही है ,
हम याद करते है उसको जिसने हमें दिल से निकाल रखा है…
इस तरह सुलगती तमन्नाओं को बुझाया मैं ने,
करके रोशन यार की महफ़िल अपना घर जलाया मैंने…
जो हम पे गुज़री है शायद सभी पे गुज़री हो,
फ़साना जो भी सुना कुछ सुना सुना सा लगा…
मंज़ूर नहीं किसी को ख़ाक में मिलना,
आंसू भी लरज़ता हुआ आँख से गिरता है…..
प्यार अपनों का मिटा देता है ,इंसान का वजूद ,
जिंदा रहना है तो गैरों की नज़र में रहिये…….
रिश्ते बनावट के पसंद नहीं मुझे..
दोस्त हों या दुश्मन सब…. असली हैं मेरे..
इश्क़ तो बेपनाह हुआ…कसम से..
गलती बस ये हुई कि……..हुआ तुमसे
खामोश रहने दो लफ़्ज़ों को, आँखों को बयाँ करने दो हकीकत,
अश्क जब निकलेंगे झील के, मुक़द्दर से जल जायेंगे अफसाने..
परिन्दों की फिदरत से आये थे वो मेरे दिल में ,
जरा पंख निकल आये तो आशियाना छोड़ दिया ..