अब ना करूँगा

अब ना करूँगा अपने दर्द को बया किसी के सामने,
दर्द जब मुझको ही सहना है तो तमाशा क्यूँ करना…!!!

बड़ी मुश्किल से

बड़ी मुश्किल से सीखी थी बेईमानी हमने सब बेकार हो गयी,
अभी तो पूरी तरह सीख भी ना पाए थे की सरकारें ईमानदार हो गयी..

वो इस तरह

वो इस तरह मुस्कुरा रहे थे , जैसे कोई गम छुपा रहे थे……!
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बारिश में भीग के आये थे मिलने, शायद वो आंसु छुपा रहे थे…!!