में तो चिराग हू

में तो चिराग हू तेरे आशियाने का
कभी ना कभी तो बुझ जाऊंगा …
आज शिकायत है तुझे मेरे उजाले से
कल अँधेरे में बहुत याद आऊंगा …

जब खुदा ने

जब खुदा ने इश्क बनाया होगा,
तब उसने भी इसे आजमाया होगा..
हमारी औकात ही क्या है,
कमबख्त इश्क ने तो
खुदा को भी रुलाया होगा!

बहुत दूर है

बहुत दूर है तुम्हारे घर से
हमारे घर का किनारा……!
पर हम हवा के
हर झोंके से पूछ लेते हैं
क्या हाल है तुम्हारा….!!