चाँदनी बनने की

चाँदनी बनने की ख़्वाहिश.. हर किसी की है,
हमारी तलब.. तुम्हारी ख़ामोश तन्हाई है..!!
एक तन्हा रात का ख़त .. चाँद के नाम!

हम तो पागल हैं

हम तो पागल हैं शौक़-ए-शायरी के नाम पर ही

दिल की बात कह जाते हैं और कई

इन्सान गीता पर हाथ रख

कर भी सच नहीं कह पाते है…

उम्र भर के

उम्र भर के आंसू ज़िन्दगी भर का ग़म,
मोहब्बत के बाज़ार में बहुत महंगे बिके हम !!

न हथियार से

न हथियार से मिलते हैं न अधिकार से मिलते हैं….!!

दिलों पर कब्जे बस अपने व्यवहार से मिलते है….!!

आज तो हम

आज तो हम खूब रुलायेंगे उन्हें,
सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत है!

टपक पड़ते है

टपक पड़ते है आंसू जब तुम्हारी याद आती है,
ये वो बरसात है जिस का कोई मोसम नहीं होता!!