काश न्युटन के सर मे पेड के सेब की जगह किसी का टूटा हूआ दिल गिरा होता…… तो आज Physics की हर किताबो मे एक chapter इश्क का होता………..
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जीने के दिन
खुँशीयॊ ने वादा किया कि वॊ पाँच दिन बाद आएगी,
मगर कम्बख्त जिंदगी के कैलेंडर में देखा तॊ जीने के दिन ही चार थे ॥
Meri bhi nigaho
Meri bhi nigaho ka sunle abb sawal
Poochte hai kab aayega
Jhonka phir tere deedar ka
इतने क़रीब ना था
मेरे घर से मयखाना इतने क़रीब ना था…!!!
दोस्तों…
कुछ लोग दूर होते गये और वो पास आ गया…!!!
kismat mai nahi
Tune ek aise shaksh ko chaha hai RAJ jise bhoolna
teri kismaat mai nahi or pana teri kismat mai nahi……..
आइना है ये जिंदगी
आइना है ये जिंदगी मेरे दोस्त !
तू मुस्कुरा जिंदगी भी मुस्कुरा देगी|
Kisiko Bhi Hasati Hai
Duriyaa Aasani Se Mitati Hai “SHARAAB”,
Majburiyon Ko Nashe Me Nachati Hai “SHARAAB”….
Aansuwo Ko Mila De Tu Apne Har Ek Jaam ME,
Fir Dekh Kaise Yaadon Ko Aur Kareeb Lati Hai “SHARAAB”…..
Thake Chuke Hai Jo Is Duniya Ke Sitamo Se,
Unhe Do Pal Ki Rahat Dilati Hai “SHARAAB”…..
Pankh Laga Ke Aasmaan Me Ud Jaate Hai Jo Panchi,
Do Ghoot Me Unhe Baho Me La Sakti Hai “SHARAAB”…..
Jiss Ka Hath Sari Duniya Chod Deti Hai,
Unke Hatho Me Aksar Paayi Jati Hai “SHARAAB”….
Kabhi Bhi Apne Gumon Ko Bhulna Ho To Keh Dena,
Kitne Bhi Bade Gum Me Kisiko Bhi Hasati Hai “SHARAAB”
वाह रे जमाने
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई, बीवी के
आगे माँ रद्द हो गई !
बड़ी मेहनत से जिसने पाला, आज
वो मोहताज हो गई !
और कल की छोकरी, तेरी सरताज हो गई !
बीवी हमदर्द और माँ सरदर्द हो गई !
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई.!!
पेट पर सुलाने वाली, पैरों में सो रही !
बीवी के लिए लिम्का,
माँ पानी को रो रही !
सुनता नहीं कोई, वो आवाज देते सो गई !
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई.!!
माँ मॉजती बर्तन, वो सजती संवरती है !
अभी निपटी ना बुढ़िया तू , उस पर बरसती है !
अरे दुनिया को आई मौत,
तेरी कहाँ गुम हो गई !
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई .!!
अरे जिसकी कोख में पला, अब
उसकी छाया बुरी लगती,
बैठ होण्डा पे महबूबा, कन्धे पर हाथ
जो रखती,
वो यादें अतीत की, वो मोहब्बतें माँ की, सब रद्द
हो गई !
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई .!!
बेबस हुई माँ अब, दिए टुकड़ो पर पलती है,
अतीत को याद कर, तेरा प्यार पाने को मचलती है !
अरे मुसीबत जिसने उठाई, वो खुद मुसीबत
हो गई !
वाह रे जमाने तेरी हद हो गई .!!
कोई उसे खुश
कोई उसे खुश करने के बहाने ढूंड रहा था,
मैने कहा-
उसे मेरे मरने की खबर सुना दे…..
Log kehte hai
Log kehte hai wo shaks tera nhi hai….
main ye soch kar khamosh hu…
Ke taqdeer khuda likhta hai.. log nhi…