इक नज़र ही देखा था शौक़ ने शबाब उन का
दिन को याद है उन की रात को है ख़्वाब उनका
गिर गए निगाहों से फूल भी सितारे भी
मैंने जब से देखा है आलम -ए-शब उन का
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
इक नज़र ही देखा था शौक़ ने शबाब उन का
दिन को याद है उन की रात को है ख़्वाब उनका
गिर गए निगाहों से फूल भी सितारे भी
मैंने जब से देखा है आलम -ए-शब उन का
शौक था अपना-अपना..
किसी ने इश्क किया,
तो कोई जिंदा रहा…
Kuch tumko bhi aziz hain apne sabhi usul,
Kuch hum bhi ittefaq se Zid ke mareez hain..
Dhamkiyaa’n Detaa Hai Or Wo Bhi Judaai Ki.
Ufffff..
Mohabbat Mein Bhi Dekho Badmashiyaa’n Mery Yaar ki..!
Woman are like abstract paintings.
You don’t always understand them
but they are still beautiful
Mere Jism Se Uski Khushbu Aaj Bhi Aati Hai,
Main Ne Fursat Mein Kabhi Seene Se Lagaya Tha Usey…
Dil me khushiyo ki aahat rakhna
zindagi me jeetne ki chahat rakhna
aur kya doge hamein koi tohfa
bas
apne hotho pe yuhi muskurahat rakhna
Koi DAULAT Pe Naaz Karta Hai
Koi Shoharat Pe Naaz Karta Hai
Jisko milte hai humare Khat
Woh Apni KISMAT Pe Naaz Karta Hai..
वो मेरी आखरी सरहद हो जैसे,
सोच जाती ही नहीं उस से आगे…
मुम्किन नहीं है ऐसी घड़ी कोई बना दे-
जो गुज़रे हुए वक़्त के घण्टों को बजा दे
इश्क़ के समझने को वक़्त चाहिए जानाँ
दो दिनों की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलती
मेरा होकर भी गैर की जागीर लगता है,
दिल भी साला मसला-ऐ-कश्मीर लगता है