मिट चले मेरी उम्मीदों की तरह हर्फ़ मगर,
आज तक तेरे खतों से तेरी खुश्बु ना गई।
Tag: Nice Shayari
तू मुझे गुनहगार
तू मुझे गुनहगार साबित करने की
ज़हमत ना उठा..
बस ये बता, क्या-क्या कुबूल करना है…
घमण्ड से भी अक्सर
घमण्ड से भी अक्सर खत्म
हो जाते हैं कुछ रिश्ते..
कसूर हर बार गलतियों का नहीं
होता..
उसकी आदत है
उसकी आदत है मेरे बाल बिगाड़े रखना…
उसकी कोशिश है किसी और को अच्छा ना लगु में ..!!!
मतलब निकल जाने पर
मतलब निकल जाने पर पलट के देखा भी नहीं,
रिश्ता उनकी नज़र में कल का अखबार हो गया.. !!
लगता है कहीं प्यार में
लगता है कहीं प्यार में, थोड़ी सी कमी थी।
और प्यार में थोड़ी सी कमी कम नहीं होती।।
घर की इस बार
घर की इस बार मुकम्मल मै तलाशी लूँगा
ग़म छुपा कर मेरे माँ बाप कहाँ रखते है..
मैं लिखता हुं
मैं लिखता हुं सिर्फ दिल बहलाने के लिए….
वर्ना
जिसपर प्यार का असर नही हुआ
उस पर अल्फाजो का क्या असर होगा..
चित्रकार तुझे उस्ताद
चित्रकार तुझे उस्ताद मानूँगा,….
दर्द भी खींच मेरी तस्वीर के साथ…
तूने ही किया था
तूने ही किया था मुझे मोहब्बत की कश्ती में सवार
अब आँखें न फेर, मुझे डूबता भी देख …