आँखों में रहा दिल

आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा|

एक दिन इस

एक दिन इस दुनियाँ से हम चले जायेंगे !
हजारों तारों में हम आपको नज़र आयेंगे !!
आप कोई ख्वाइश खुदा से माँगना….!!
हम उसे पूरा करने के लिए उसी वक्त टूट जायेंगे !!

सदियों से जागी

सदियों से जागी आँखों को एक बार सुलाने आ जाओ; माना कि तुमको प्यार नहीं, नफ़रत ही जताने आ जाओ; जिस मोड़ पे हमको छोड़ गए हम बैठे अब तक सोच रहे; क्या भूल हुई क्यों जुदा हुए, बस यह समझाने आ जाओ।

एक अजीब सा

एक अजीब सा मंजर नज़र आता हैं … हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना .. हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं|

उनसे दूर जाने का

उनसे दूर जाने का इरादा ना था,
सदा साथ रहने का वादा भी ना था,
वो याद नहीं करेंगे जानते थे हम,
पर इतनी जल्दी भुल जाऐंगे अंदाज़ा ना था.

यह कह कर

यह कह कर मेरा दुश्मन मुझे हँसते हुए छोड़ गया;
कि तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए।

ये दिल न जाने क्या

ये दिल न जाने क्या कर बैठा मुझसे बिना पूछे ही फैसला कर बैठा
इस ज़मीन पर टूटा सितारा भी नहीं गिरता
और ये पागल चाँद से मोहब्बत कर बैठा|