मेरी कोई खता तो साबित कर
जो बुरा हुँ तो बुरा साबित कर
तुझे चहा है कितना तु क्या जाने
चल मैं बेवफा ही सही
तु अपनी वफा साबित कर..!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरी कोई खता तो साबित कर
जो बुरा हुँ तो बुरा साबित कर
तुझे चहा है कितना तु क्या जाने
चल मैं बेवफा ही सही
तु अपनी वफा साबित कर..!!!
काश कोई रात ऐसी मिल जाये, बाँहो को तेरा साथ मिल जाये,,
कुछ पल के लिए हँसी खिल जाये, फिर चाहे अगले पल मौत मिल जाये…
लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मिलता,
शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता……!!
अजीब सी बेताबी है…
तेरे बिना,
रह भी लेते है और
रहा भी नही जाता..
चलती नहीं दुनिया किसी के आने से,
रूकती नहीं दुनिया किसी के जाने से.
प्यार तो सबको मिल जाता है,
कमी का पता तो चलता है किसी के दूर जाने से.
मत रहो दूर हमसे इतना के अपने फैसले पर अफसोस हो जाये…
कल को शायद ऐसी मुलाकात हो हमारी…
के आप हमसे लिपटकर रोये और हम ख़ामोश हो जाये..!
उम्र कम थी इश्क़ बेहिसाब हो गया…….!!
एक वक्त के बाद ये रोग लाइलाज हो गया….!!
कमबख्त दिल भी कमाल करता है
जब खाली खाली होता है, भर आता है!!
किसी रिश्ते में निखार, सिर्फ अच्छे समय में हाथ मिलाने से नहीं आता………..
बल्कि ……
नाज़ुक समय में हाथ थामने से आता है…
मैं तो इस वास्ते चुप हूँ…के तमाशा ना बने,
और वो सोचते है , मुझे गिला कुछ भी नहीं