कुछ दिन तो तेरी यादें वापस ले ले..
‘पगली’
मैं कई दिनों से सोया नहीं….!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कुछ दिन तो तेरी यादें वापस ले ले..
‘पगली’
मैं कई दिनों से सोया नहीं….!!
तुम करो कोशिशें मुझसे नफरत करने की
मेरी तो हर एक सांस से तेरे लिए दुआ ही निकलेगी…!!
हमारी नियत का पता तुम क्या लगाओगे गालिब…. हम तो नर्सरी में थे तब भी मैडम अपना पल्लू सही रखती थी….
नज़र झुका के जब भी वो गुजरे हैं करीब से..
हम ने समझ लिया कि आदाब अर्ज़ हो गया ..
इश्क़ बुझ चुका है,
क्यूंकि हम ज़ल चुके हैं|
उसके तेवर समझना भी
आसां नहीं बात औरों की थी,
हम निगाहों में थे
कभी उनकी क़द्र करके देखो…
जो आपको बिन मतलब प्यार करते हैं..!!
मोहब्बत की तलाश मैं निकले हो तुम अरे ओ पागल…
मोहब्बत खुद तलाश करती है, जिसे बर्बाद करना हो…
ये सच है की वो मेरी जिंदगी है,
और ये भी तो सच है की जिंदगी का कोई
भरोसा नहीं !!
दोस्ती और इश्क में, क्या अंतर है बताकर चली गयी।
जिसे मुहब्बत समझता रहा ,आज दोस्त बनाकर चली गयी।।