आइना फिर आज रिश्वत लेते पकड़ा गया…
दिल में दर्द था, फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया….!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आइना फिर आज रिश्वत लेते पकड़ा गया…
दिल में दर्द था, फिर भी चेहरा हँसता हुआ दिखाई दिया….!
बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को,
कि धुल जाए स्याही,
ज़िन्दगी तुझे फिर से लिखने का
मन करता है कभी- कभी।।
मिलन की रुत से मुहोब्बत को तराशने वालों,
अकेले बैठ के रोना भी प्यार होता हैं..!!
समझ में नहीं आता
वफा करें तो किससे करें …!
मिट्टी से बने लोग
काग़ज़ के टुकडों पे बिक जाते हैं …!!
गाल पर ढलके हुए आँसू की राह थाम कर।
उसका काज़ल सब कहानियाँ बता निकला।
काईनात में कोई इतनी शिद्दत से किसी का इंतेजार नहीं करता
जितना अल्लाह अपने बंदे की तौबा का करता है
काईनात में कोई इतनी शिद्दत से
किसी का इंतेजार नहीं करता
जितना अल्लाह अपने बंदे की
तौबा का करता है
इलाही क्या इलाक़ा है वो जब लेते हैं अंगड़ाई
मिरे ज़ख़्मों के सब टाँके अचानक टूट जाते हैं
यूँ तो गलत नही होते अंदाज चेहरो के,
लेकिन लोग वैसे भी नही होते जैसे नजर आते है।
मतलब निकल जाने पर पलट के देखा भी नही
रिश्ता उनकी नज़र में कल का अखबार हो गया…..!!