खामोश रहती है वो तितली जिसके रंग हज़ार है…
और शोर करता रहा वो कौवा, ना जाने किस गुमान पर…
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उसने जी भर के
उसने जी भर के मुझको चाहा था…,
फ़िर हुआ यूँ कि उसका जी भर गया।
जुड़ना सरल है
जुड़ना सरल है…
पर
जुड़े रहना कठिन….
जिंदगी को इतनी सस्ती
जिंदगी को इतनी सस्ती भी मत बनाओ,
की दो कौड़ी के लोग खेल कर चले जाये !!
ख्वाहिश भले छोटी सी
ख्वाहिश भले छोटी सी हो लेकिन…
उसे पूरा करने के लिए
दिल ज़िद्दी सा होना चाहिए..
मुड़कर नहीं देखता
मुड़कर नहीं देखता अलविदा के बाद ,
कई मुलाकातें बस इसी गुरुर ने खो दी।
लगने दो आज महफिल
लगने दो आज महफिल ….
शायरी कि जुँबा में बहते है ….
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तुम ऊठा लो किताब गालिब कि ….
हम अपना हाल ए दिल कहते है |
ज़रा ज़िद्दी हूँ
ज़रा ज़िद्दी हूँ ख़्वाब देखने से बाज़ नहीं आता,
इतनी सी बात पर हकीक़तें रूठ जाती है मुझसे…
गुस्ताख निगाहों का गिला
फिर न कीजे मेरी गुस्ताख निगाहों का गिला,
देखिये अपने फिर प्यार से देखा मुझको।
नसीबो में नहीं
नसीबो में नहीं जिनके कमाने और खाने
मुझे उनके गुजारे अजीब लगे|