हुस्न और इश्क बहुत रोये गले मिल मिल कर…!!
जाने क्या कह दिया दीवाने ने दीवाने से….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हुस्न और इश्क बहुत रोये गले मिल मिल कर…!!
जाने क्या कह दिया दीवाने ने दीवाने से….
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर की पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं.
सुना है आज उनकी आँखों आँशु आ गए। वो बच्चों को लिखना सिखा रही थी.. कि मोहब्बत ऐसे लिखते है।
इश्क …था इसलिए सिर्फ तुझ से किया. ..
फ़रेब होता तो सबसे किया होता
रिश्तों की एहमियत को समझो,
इन्हें जताया नहीं निभाया जाता है !!
निकाल दिया उसने हमें अपनी ज़िन्दगी से
भीगे कागज़ की तरह, ना लिखने के काबिल छोड़ा, ना जलने के..!!
वो मंजर भी मोहब्बत का बडा दिलकश गुजरा,
किसी ने हाल पुछा और आँखें भर आई !!
धड़कनों की यही तो खास बात है ,
भरे बाज़ार में भी किसी एक को ही सुनाई देती है…
रिश्ता निभाना मुश्किल नहीं,
बस थोड़ी सी वफ़ा चाहिए |
खुदा से मिलती है सूरत मेरे महबूब की,
अपनी तो मोहब्बत भी हो जाती है और इबादत भी|