तुम्हारे जाने के बाद सुकून से
सो नहीं पाया कभी.
मेरी करवटों में रेगिस्तान सा
खालीपन पसरा रहता है
जब तुम पास होते हो तो कोई
शिकायत नहीं होती किसी से भी.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तुम्हारे जाने के बाद सुकून से
सो नहीं पाया कभी.
मेरी करवटों में रेगिस्तान सा
खालीपन पसरा रहता है
जब तुम पास होते हो तो कोई
शिकायत नहीं होती किसी से भी.
यूं देखिए तो आंधी में बस इक शजर गया
लेकिन न जाने कितने परिंदों का घर गया.
जैसे ग़लत पते पे चला आए कोई शख़्स
सुख…ऐसे मेरे दर पे रुका…और गुज़र गया….!!!
यकीं नहीं है मगर आज भी ये लगता है
मेरी तलाश में शायद बहार आज भी है … ??
जो दूरियों में भी कायम रहा..
….वो इश्क़ ही कुछ और था।
काश मेरा घर तेरे घर के करीब होता
मोहब्बत न सही दीदार तो नसीब होता।।।
घुटन के आँसू पीता है ,
जो रिश्तों में नही किश्तों में जीता है ….
महफील भी सजी है..सनम भी ऑनलाइन है…
हम कनफ्युज़ है, अब इश्क करे या शायरी…?
लुढ़क जाता हूँ अक्सर तुझमें..
तेरे इश्क़ सी ढलान; कहीं और पाता नहीं हूँ मैं…
यकीन करो।
जो भूल चुका है तुम्हें वो
भी याद करेगा बस, उसके मतलब की दिन आने दो।
सच को तमीज नहीं बात करने की।
झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है।