जो फ़ना हो जाऊं तेरी चाहत में तो ग़ुरूर ना करना,
ये असर नहीं तेरे इश्क़ का, मेरी दीवानगी का हुनर है !
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जो फ़ना हो जाऊं तेरी चाहत में तो ग़ुरूर ना करना,
ये असर नहीं तेरे इश्क़ का, मेरी दीवानगी का हुनर है !
तुम आ जाओ ख्यालों में और मुस्कुरा दूँ मैं…
गर इसे इश्क़ कहते हैं…तो हाँ इश्क़ है तुमसे….!!
परेशानियों ने भी क्या खूब याद रखा मेरे घर का पता….
बस ये खुशिया ही है जो आवारा निकली….!!
तेरी एक झलक पाने को
तरस जाता है दिल मेरा….!
खुश किस्मत हैं वो लोग
जो तेरे घर के सामने रहते है..!!
तुम कभी भी मोहब्बत आजमा के देखना मेरी हम जिंदगी से हार जायेंगे मोहब्बत से नहीं.
कभी साथ बैठो तो कहूँ की क्या दर्द है मेरा……
तुम दूर से पूछोगे तो खैरियत ही कहेगे ……
समंदर ने कहा मुझको बचा लो डूबने से…
मैं किनारे पे समन्दर लगा के आया हूँ…
कभी कभी मीलों दूर बैठा इंसान आपको जीने का सहारा दे
सकता है और वो नहीं जो आपके करीब है।
हर चीज़ वक़्त के साथ बदलती है,
बस अगर हम वक़्त के साथ चले तो…!!
तू चाँद का टुकड़ा नहीं, चाँद तेरा टुकड़ा है ।
टूटते तारे नहीं, फ़िदा होते सितारे देख तेरा मुखड़ा है ।
ख़ूबसूरती देख तेरी अप्सरा का दिल जलन से उखड़ा है
दुनिया में तेरे वजूद से, स्वर्ग भी लगता उजड़ा है ।