माना की आज

माना की आज इतना वजुद नही हे मेरा पर…

बस उस दिन कोई पहचान मत निकाल लेना जब मे कुछ बन जाऊ…

सरेआम न सही

सरेआम न सही फिर भी रंजिश सी निभाते है..

किसी के कहने से आते किसी के कहने से चले जाते..