क्या हुआ जो हम किसीके दिल में नहीं धड़कते,
आँखों में तो कईयों की खटकते है !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
क्या हुआ जो हम किसीके दिल में नहीं धड़कते,
आँखों में तो कईयों की खटकते है !!
खौफ नहीं अजनबी से मुलाकात का,फिक्र है की कौई रिश्ता ना बन जाये !!
चल ना यार हम फिर से मिट्टी से खेलते है,हमारी उम्र क्या थी जो मोहब्बत से खेल बैठे !!
हमको टालने का शायद तुमको सलीका आ गया हे.बात तो करते हो लेकिन अब तुम अपने नही लगते !!!
बहुत रोये वो हमारे पास आके जब एहसास हुआ
अपनी गलती का,चुप तो करा देते हम,
अगर चहरे पे हमारे कफन ना होता.
वो लाख बेवफा सही पर ये बात सच हैं..यारो,में आज जो भी मोहब्बत सीखा हूँ वो बस उसकी मेहरबानीया है..
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में.
ज़्यादा भीगना मत.
अगर धुल गयी सारी ग़लतफ़हमियाँ..
तो बहुत याद आएँगे हम|
वो भी एक वक्त था जब सबसे तेरी ही बातें होती थी,
आज कोई तेरा नाम भी ले तो बात बदल देते है हम !!
पढ़ ले ना दिल का दर्द कहीं अल्फाज़ बदल लेते है हम
आंखों में नमी आ जाए तो आवाज़ बदल लेते हम!!!
समझदार ही करते है अक्सर गलतिया,
कभी देखा है किसी पागल को मोहब्बत करते..!!