चले जाने दो

चले जाने दो उसे किसी ओर कि बाहों मे, इतनी चाहत के बाद जो मेरा ना हुआ वो किसी ओर का क्या होगा।।

इश्क के तोहफे

इश्क के तोहफे तुम क्या जानो सनम, तुमने तो इश्क भी ऐसे किया जैसे ख़रीदा हो।।

तुमने कभी समझा ही नहीं

तुमने कभी समझा ही नहीं ना समझना चाहा, हम चाहते ही क्या थे तुमसे तुम्हारे सिवा।।

‬तुझको खबर नहीं

तुझको खबर नहीं मगर एक बात सुन ले, बर्बाद कर दिया तेरे कुछ दिनों के प्यार ने।।

तेरा साथ छूटा है

तेरा साथ छूटा है सम्भलने में वक्त तो लगेगा, हर चीज़ इश्क़ तो नहीं की इक पल में हो जाए।।

मेरी मोहब्बत में

मेरी मोहब्बत में न थी वो आग जो तुझे जला सके, और तेरी मोहब्बत में मैं इतना जला की लोग मेरी राख भी ना उठा सके।।

चल तुझे दिखा दू

चल तुझे दिखा दू अपने दिल की वीरान गलिया, शायद तुझे तरस आ जाए मेरी उदास जिंदगी पर।।

है कोई वकील

है कोई वकील इस जहान में, जो हारा हुआ इश्क जीता दे मुझको।।

लगने दो आज महफ़िल

लगने दो आज महफ़िल, चलो आज शायरी की जुबां बहते हैं . तुम उठा लाओ “ग़ालिब” की किताब,हम अपना हाल-ए-दिल कहते हैं.|

होठों की हँसी को न समझ

होठों की हँसी को न समझ हकीकत-ए-जिन्दगी दिल में उतर कर देख कितने उदास हैं हम उनके बिन…!!!

Exit mobile version