कुछ इस तरह

कुछ इस तरह से
मेरी वो फिकर करता है

अनजान बनकर ही सही
पर मेरा जिकर करता है|

चल हो गया

चल हो गया फ़ैसला कुछ कहना ही नहीं,
तू जी ले मेरे बग़ैर मुझे जीना ही नहीं।।

एक बात पूछें

एक बात पूछें तुमसे..

जरा दिल पर हाथ रखकर फरमायें..

जो इश्क़ हमसे शीखा था ..

अब वो किससे करते हो |