जिस शहर में

जिस शहर में तुम्हे मकान कम और शमशान ज्यादा मिले…

समझ लेना वहा किसी ने हम से आँख मिलाने की गलती की थी….!!

छोङो ना यार

छोङो ना यार , क्या रखा है सुनने और सुनाने मेँ किसी ने कसर नहीँ छोङी दिल दुखाने मेँ ..

चाँदनी बनने की

चाँदनी बनने की ख़्वाहिश.. हर किसी की है,
हमारी तलब.. तुम्हारी ख़ामोश तन्हाई है..!!
एक तन्हा रात का ख़त .. चाँद के नाम!

सुना है आज

सुना है आज उनकी आँखों आँशु आ गए। वो बच्चों को लिखना सिखा रही थी.. कि मोहब्बत ऐसे लिखते है।