देख कर उसकी आँखो में अपने नाम की मायूसी…
दिल रोया तो नहीँ पर फ़िर कभी हँसा भी नहीँ…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
देख कर उसकी आँखो में अपने नाम की मायूसी…
दिल रोया तो नहीँ पर फ़िर कभी हँसा भी नहीँ…
दौड़ती भागती दुनिया का यही तोहफा है,
खूब लुटाते रहे अपनापन फिर भी लोग खफ़ा है..!!
यही हुनर है उस स्याही का
जो हर किसी की कलम में होती नहीं..!
हमारे पास तो सिर्फ तेरी यादे है, जिंदगी तो उसे मुबारक हो, जिसके पास तू है ….
ऐ किराये के कातिलों बताओ कितनी रकम लगेगी ,
मुझे इश्क का सर कलम चाहिए।।।
तुझे भुलाने को एक पल चाहिए..
वो पल जिसे मौत कहते हैं लोग….
देखते हैं अब क्या मुकाम आता है हुज़ूर,
सूखे पत्ते को इश्क़ हुआ है बहती हवा से..
तेरे पास जो हैं उसकी क़द्र कर औऱ सब्र कर दीवाने,
यहाँ तो आसमां के पास भी, खुद की जमीं नहीं हैं…..
मिल सके आसानी से , उसकी ख्वाहिश किसे है?
ज़िद तो उसकी है … जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं!!
रौशनी में कुछ कमी रह जाये तो बता देना..दिल आज भी हाज़िर है, जलने को…