ख्वाहिश सिर्फ यही है की..
जब मैं तुझे याद करु तू मुझे महसूस करे….!!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ख्वाहिश सिर्फ यही है की..
जब मैं तुझे याद करु तू मुझे महसूस करे….!!!!
सितारे भी जाग रहे हो रात भी सोई ना हो..
ऐ चाँद ले चल मुझे वहाँ जहाँ उसके सिवा कोई ना हो ।।
ज़िन्दगी में है थोड़ी उंच नीच मगर,
एक मौत है जो यहाँ सबको बराबर बंटी है।
रात को अक्सर ठीक से नींद ही नहीं आती,
घर की किश्तें कम्बखत चिल्लातीं बहुत हैं ।
मेरी आँखों में आँसू की तरह एक रात आ जाओ,
तकल्लुफ से, बनावट से, अदा से…चोट लगती है।
अपनी मौजूदगी का एहसास दिला दिया कर,
थक गया हूँ शायरियां करते-करते।
उम्र का बढ़ना तो दस्तूर- ए जहाँ है
मगर
महसूस ना करो तो उम्र बढ़ती कहाँ है ?
कितनीं मोहब्बत हैं तुमसे कोई सफाई नहीं देंगें…
साये की तरह साथ रहेंगे पर दिखाई नहीं देंगें……!!!!!!
बटुए को कहाँ मालूम पैसे उधार के हैं…
वो तो बस फूला ही रहता है अपने गुमान में।।
मेरी नरमी को मेरी कमजोरी न समझना….
ऐ नादान,
सर झुका के चलता हूँ तो सिर्फ ऊपर वाले के खौफ से…।