जब तक तुम्हारे हाथ

सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ

में रहे.,.
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे.,,

साखों से टूट जाये वो पत्ते नहीं हैं हम.,,
आंधी से

कोई कह दे के औकात में रहे.,.,!!!

मैं पूछता रहा

मैं पूछता रहा

और फ़िर..
इस तरह

मिली वो मुझे सालों के बाद ।
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद ।।
मैं पूछता रहा उस

से ख़तायें अपनी ।
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद ।।

एक दिन हम

एक दिन हम मिलेंगे सूखे गुलाबों में,
बारिश की बूंदों में, कलम में, किताबों में ।।