झाड़ू, जब तक एक सूत्र में बँधी होती है, तब तक वह “कचरा” साफ करती है।
लेकिन वही झाड़ू जब बिखर जाती है तो खुद कचरा हो जाती है।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
झाड़ू, जब तक एक सूत्र में बँधी होती है, तब तक वह “कचरा” साफ करती है।
लेकिन वही झाड़ू जब बिखर जाती है तो खुद कचरा हो जाती है।
aaja kareeb itna ki meri saanso ko mehka
de…
barso se tarsi hui in baahon ko saza de…
hai ishq ki farmaish na rok apne kadmo ko…
tere jism ki khusboo ko meri rooh m bsa de…
ye garam teri saanse takrane de meri saanso
se…
aa pas mere itna ki har doori ko mita de……..
Ishq Ka To Pata Nahi…!!
ღღღღღ
Par Jo Tumse Hai
Wo Kisi Or Se Nahi….!!!!
Suno..!!
Tum Hi Ko Chahte Hai Or Tum Hi Se Pyaar
Karte
Hai..!!
Ye Barso Ki Adat Hai Or Adat Kahan Badalti
Hai….!!!!
दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है!
दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है!
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ!
वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!
दिल के उजले कागज़ पर हम कैसा गीत लिखें
बोलो तुमको ग़ैर लिखें या अपना मीत लिखें
नीले अम्बर की अंगनाई में तारों के फूल
मेरे प्यासे होटों पर है अंगारों के फूल
इन फूलों को आख़िर अपनी हार या जीत लिखें
कोई पुराना सपना दे दो और कुछ मीठे बोल
लेकर हम निकले हैं अपनी आखों के कश्कोल
हम बंजारे, प्रीत के मारे, क्या संगीत लिखें
शाम खड़ी है एक चमेली के प्याले में शबनम
जमुना जी के ऊंगली पकड़े खेल रहा है मधुबन
ऐसे में गंगा जल से राधा की प्रीत
खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो,..
…
सहारे कितने भी सच्चे हो एक दिन साथ छोड़ ही जाते हैं.
प्यास तो मर कर भी नहीं
बुझती ज़माने की,
मुर्दे भी जाते जाते गंगाजल का घूँट मांगते है”..
फासलें इस कदर हैं आज रिश्तों में,
जैसे कोई घर खरीदा हो किश्तों में
वक्त अच्छा था तो हमारी गलती मजाक लगती थी
वक्त बुरा है तो हमारा मजाक भी गलती लगती है..